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Odisha
जीवन जब टुकड़ों - टुकड़ों में बिखर गया हो। कहीं अपनों को सदा के लिए खो देने का मातम
पसरा हो तो कहीं बची- खुची जिंदगी बचाने की जंग। अभी - अभी मृत्यु जिनको छूकर निकली ऐसे खौफजदा टूटे व हारे
लोगों के घायल तनों व हारे मनों को
आत्मीयता की संजीवनी से नवजीवन देने में जुटे हैं संघ के स्वयंसेवक। उड़ीसा
के बालासोर में हुई
सदी की सबसे भीषण रेल दुर्घटना,
के शिकार हुए यात्रियों के बीच सभी मोर्चों पर
स्वयंसेवक अनवरत डटे हुए हैं।
इन्होंने ने न सिर्फ ट्रेन की बोगियों में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला,जिन्हें चिकित्सा चाहिए उन्हें अस्पताल पहुंचाया, शवों को सम्मानजनक ढंग से परिजनों को सौंपा ।खून की जरूरत पड़ी तो 500 यूनिट रक्तदान भी किया।भोजन, पानी, दवा, बिस्तर, कोई ऐसा कार्य नहीं था जो इन खाकी निक्कर पहने नौजवानों ने नहीं संभाला।मां भारती के ये लाड़ले दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के साथ अपना मोर्चा संभाल चुके थे।
ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में पीड़ितों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 300 स्वयंसेवक, सेवा व राहत कार्य में दुर्घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट बाद से अब तक निर्विघ्न लगे हैं। बालेश्वर और कटक मेडिकल कॉलेज में घायलों का निरंतर ट्रीटमेंट चल रहा है। व स्वयंसेवक घायल यात्रियों की हर संभव सहायता कर रहे हैं।अब तक लगभग 500 से अधिक स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया है।
एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही यानी साढे सात बजे तक ही स्वयंसेवक वहां पहुंच गये थे। जहां पर दुर्घटना हुई उसके पास स्थित गांव बाहनगा में संघ की शाखा होने के कारण प्रारंभ में ही कम संख्या में स्वयंसेवक पहुंच गये थे। लेकिन रात तक आते आते लगभग ढाई सौ स्वयंसेवक दुर्घटना स्थल पर प्रशासन व राहत कार्यों में लगे जवानों की सहायता की । राहत बचाव में देरी ना हो, इसके लिए स्वयंसेवकों ने तत्काल प्रभाव से ऑटो, मोटरसाइकिल से घायलों को अस्पताल ले जाने लगे। स्वयंसेवक रमेश जी ने विपरीत परिस्थितयों में बोगी के अंदर जा-जाकर पूरी रात घायलों को निकालते रहे और अन्य स्वयंसेवक भी लोगों को अस्पताल पहुंचाते रहे।
इस टीम ने प्रशासन व बचाव कार्यों में लगे विभिन्न एजेंसियों के जवानों के साथ मिल कर दुर्घटना में फंसे घायल यात्रियों को बाहर निकालने मे मदद की।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल,सेवा भारती के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राहत बचाव कार्य में अनवरत लगे रहे।* इस भीषण दुर्घटना में जीवन खोने वाले यात्रियों के शवों को लेने में उनके परिजनों की सहायता में स्वयंसेवक लगे रहे । इसी तरह कटक के एससीबी मेडिकल कालेज व अस्पताल में भी संघ के सेवा विभाग से जुडे स्वयंसेवक सक्रिय रहे । इन घायल यात्रियों को अटेंडै देने के साथ साथ उनके परिवारों से संपर्क कर उन्हें सूचना देना आदि कार्य भी इस टीम ने किया।
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