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संकल्प सफलता का

अंबरीश पाठक | एर्नाकुलम | केरल

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केरल के एर्नाकुलम जिले के पुरथेनक्रुज कस्बे में रहने वाली शिखा सुरेंद्रन की छोटी-छोटी आंखो में बड़े- बड़े सपने थे। पिता बिस्तर पर थे व मां मजबूर, रिश्तेदारों की मदद से किसी तरह इंजीनियरिंग पूरी कर चुकी यह प्रतिभाशाली लडकी आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती थी, किंतु दिल्ली में रहकर, कोचिंग करना बिना पैसो के कहां संभव था, तभी वो संकल्प के संपर्क में आई।





संघ के प्रचारक रहे संतोष तनेजा जी के प्रयासों से 1986 में शुरू हुई यह संस्था प्रतिभाशाली छात्रों को दिल्ली में सिविल सर्विस की कोचिंग देती है। यहां शिखा को नाममात्र की फीस लेकर कोचिंग के साथ ही हॉस्टल में रहने की सुविधा मिली व उसने इतिहास रच दिया। 2017-18 की बैच में शिखा सुरेंद्रन ने आईएएस में ऑल इंडिया में 16 वीं रैंक हासिल की। कुछ इससे मिलती जुलती कहानी राजस्थान के अलवर जिले के गांव रोनिजाजाट के किसान परिवार के राजीव कुमार की है, जिनके परिवार में कोई भी व्यक्ति पढ़ा-लिखा नहीं है, आज वे भी सिविल सेवा में सिलैक्शन के बाद मसूरी में आईएएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं, व अपनी सफलता का श्रेय संकल्प परिवार को देते हैं। संकल्प हर साल 20 ऐसे छात्रो को फ्री कोचिंग देता है जिनकी प्रतिभा की राह में धन की कमी आडे आती है। विशेषकर ट्राईबल व पूर्वोत्तर के निर्धन छात्रो के लिए संकल्प उस परिवार की तरह है जो उनके लिए पालक व गुरू की दोहरी भूमिका निभाता है।





सुबह के योगाभ्यास, शाम को शाखा से लेकर रात्रि की प्रार्थना तक एक अनुशासित संस्कारमय दिनचर्या संकल्प को बाकी कोचिंग संस्थानों से अलग करती है। स्पेशल लैक्चर की सीरिज में कश्मीरियों को शिक्षा से जोडने वाले मेजर जनरल पी के सहगल व श्री श्री रविशंकर जैसे राष्ट्रवादी व्यक्तियों के अनुभव स्टूडेंट्स को देश के प्रति जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देते हैं। संस्था के संस्थापक संतोष जी की मानें तो 1986 में संकल्प की स्थापना का उद्देश्य देश के लिए राष्ट्रवादी प्रशासनिक अधिकारी गढ़ने के उद्देश्य से की गई थी। संकल्प ने 2015 में सफलता का इतिहास रचा। सिविल सेवा में सफल हुए कुल 1256 छा़त्रों में से 670  संकल्प से थे।


संस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले गुरू सम्मान समारोह में गुरूओ के साथ चयनित छात्रों को भी सम्मानित किया जाता है। इतना ही नहीं हर साल झिंझोली मे होने वाले दिशा बोध शिविर में देशभर के 200 ग्रेजुएट छात्रों को सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के पहले उन्हे पढाई के गुर के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी सिखाई जाती है । इस शिविर में सह सरकार्यवाह कृष्णगोपालजी समेत संघ के वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन भी प्रतिभागियों को मिलता है।शिखा सुरेंद्रन की माने तो संकल्प की सबसे बड़ी खूबी ये है कि दिल्ली जैसे महानगर में यहां के आत्मीय वातावरण में हमें परिवार की कमी महसूस नहीं होती। प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रवादी सोच से जोड़ने के लिए, हर वर्ष 3 दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज के प्रबुद्ध चिंतक विभिन्न राष्ट्रीय विषयों पर अपने विचार साझा करते  हैं।


 


संपर्क:-संतोष तनेजा जी

संपर्क सूत्र:- 9711262285

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