सब्‍सक्राईब करें

क्या आप ईमेल पर नियमित कहानियां प्राप्त करना चाहेंगे?

नियमित अपडेट के लिए सब्‍सक्राईब करें।

निर्मल, पावन भावना, सभी के सुख की कामना

Sewa Bharati

राष्ट्रीय सेवा भारती - एक परिचय

हमारा ध्येय

देश में पिछडे़ एवं अभावग्रस्त लोगों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं स्वावलंबन के विभिन्न प्रकल्पों के द्वारा तथा स्वैच्छिक संस्थाओं, समर्पित कार्यकर्ताओं के सहयोग से सुदृढ़, समरस समाज का निर्माण करना। राष्‍ट्रीय सेवा भारती का पंजीकरण 8 दिसम्‍बर 2003 को हुआ। आज देशभर में 1246 संस्‍थाएं राष्‍ट्रीय सेवा भारती से संबद्ध होकर आपस में मिलकर सेवा कार्य कर रही हैं।

उद्देश्‍य

राष्‍ट्रीय विचार वाली पंजीकृत स्‍वयंसेवी संस्थाओं और समर्पित कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास द्वारा देश के पिछड़े, पीड़ित और अभावग्रस्‍त बंधुओं को शिक्षित, स्‍वावलंबी और सशक्‍त कर सुदृढ़, समरस एवं संस्‍कारित समाज का निर्माण करने में सक्रिय सहयोग करना। इस उद्देश्‍य की पूर्ति हेतु अपने साथ आये स्‍वयंसेवी संगठनों को राष्‍ट्रीय मंच प्रदान करने के साथ-साथ उनमें जागरण, सहयोग, प्रशिक्षण एवं अध्‍ययन जैसी गतिविधियों के माध्‍यम से सामूहिकता का भाव जागृत कर संस्‍थाओं के कौशल विकास के कार्य वर्ष 2003 से ही जारी है।देश में सक्रिय सेवा संस्थाओं को सहयोग, अध्ययन तथा विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा उन्नत समाज की संरचना में सहभागी बनने के लिये प्रेरित करना और उनमें सामूहिकता का भाव जागरण कर राष्ट्रीय मंच प्रदान करना।

2003 में स्थापना वर्ष से ही राष्ट्रीय सेवा भारती ऐसी सभी स्वयंसेवी संस्थाओं के लिये विभिन्न प्रकार के सामाजिक अध्ययनों के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करती आई है। अनेक संस्थायें इन प्रशिक्षणों से लाभान्वित हुई है और उनके कार्यकर्ताओं के कौशल तथा सेवा कार्यों में गुणात्मक वृद्धि हुई है। समय समय पर इस प्रकार के प्रशिक्षण वर्गो के साथ यथोचित साहित्य भी प्रकाशित किया जाता है।

राष्ट्रीय सेवा भारती ने अपने कार्य को मुख्यतः चार प्रकार की गतिविधियों पर केन्द्रित किया है। इनमें शामिल हैं जागरण, सहयोग, प्रशिक्षण और अध्ययन।

जागरण : जागरण हेतु कई प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। इनमें प्रमुख है प्रकाशन। इसके तहत ई-बुलेटिन पत्रिका का मासिक प्रकाशन किया जाता है और ‘सेवा साधना’ का वार्षिक अंक किसी न किसी खास बिन्दु पर केन्द्रित रहता है। ‘सेवा दिशा’ का पांच वर्ष में एक बार व ‘सेवा कुंज’ में अपने साथ जुड़ी सेवा संस्थाओं के सफल और प्रेरक प्रयोगों की जानकारी प्रकाशित की जाती है। साथ ही कुछ अन्य पुस्तकों तथा जागरण हेतु डिजिटल साम्रगी का प्रकाशन किया जाता है।

जागरण का ही एक अन्य प्रमुख अंग है सेवा संगम का आयोजन। सभी प्रांतों में समविचारी सेवा संस्थाओं को एकजुट करते हुए समय समय पर सेवा संगम आयोजित किये जाते हैं और पांच वर्ष में एक राष्ट्रीय सेवा संगम आयोजित किया जाता है।

सहयोग : इसके तहत् प्रतिवर्ष दो ऐसे बिन्दुओं को चिन्हित किया जाता है, जिनके कारण कार्य करने में कठिनाई हो रही है। फिर उन बिन्दुओं पर उन सभी संस्थाओं और उस विषय के विषेषज्ञों तथा यदि संभव हो सके तो सरकारी अधिकारियों को साथ बैठाकर विचार-विमर्ष कर समाधान निकालने का प्रयास होता है। इसी प्रकार देशभर में चल रहे स्वयं सहायता समूहों को एकजुट करते हुए उन्हें दृढ़ता प्रदान की जा रही है। साथ ही इस प्रयोग को मजबूत करने के लिए देशभर में उनके विस्तार हेतु कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। नये प्रकल्प प्रांरभ करने और उन्हें व्यवस्थित करने तथा प्रभावी बनाने के लिए ’‘वैभवश्री’’ प्रकल्प (स्वयं सहायता समूह) पुस्तिका तैयार की गयी है। अभी तक 23 प्रान्तों में वैभवश्री प्रकल्प चल रहे है।

प्रशिक्षण : कार्यकर्ता प्रशिक्षण और संबद्ध संस्थाओं के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु विशेष प्रयास किये जाते हैं। ये प्रशिक्षण वर्ग देशभर में आयोजित किये जाते हैं। प्रशिक्षण का दूसरा महत्वपूर्ण बिन्दू है कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसीबिलिटी यानि सी.एस.आर के संबंध में प्रशिक्षण। सीएसआर के तहत सेवा प्रकल्पों को वित्तीय मदद मिल सकती है। राष्ट्रीय सेवा भारती की सीएसआर समिति विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए जाते हैं।

अध्ययन : देशभर में विभिन्न सामाजिक समस्याओं को लेकर अध्ययन कार्य चल रहे हैं। पिछले दिनों सुदूर पूर्वांचल के राज्यों से आकर देश के विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के अपने स्वयं के जीवन तथा उनके माध्यम से उनके अपने गांव अथवा आसपास के क्षेत्र में आने वाले परिवर्तन को लेकर एक अध्ययन किया गया। अध्ययन प्रारंभ करने से पूर्व 18-19 मार्च 2017 को नई दिल्ली में एक महिला प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया, जिसमें कार्यकर्ताओं को 15 से 35 आयू वर्ग की महिलाओं की सदस्थिति पर अध्ययन हेतु व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

आपदा प्रबंधन- प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राष्ट्रीय सेवा भारती से जुडी संस्थाएं सदैव सक्रिय रहती हैं। पिछले दिनों नेपाल में आए भूकंप तथा असम की बराक वैली में आए तूफान एवं बाढ़ से प्रभावित तीन जिलो में राहत कार्य किया गया। नेपाल में विद्यालय निर्माण हेतु चार करोड रूपये की मदद की गयी। केरल में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए घरों का निर्माण किया गया। समाज को साथ जोडकर सहायता एवं पुनर्वास पर कार्य चलता है। 5 कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय समिति बनी है व आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने वाले कार्यकर्ता साथ जुडे हैं। आपदा के बाद पुनर्वास व्यवस्था हेतु भी प्रशिक्षण रहता है।

सेवागाथा- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा राष्ट्रीय सेवा भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा सेवा के माध्यम से समाज परिर्वतन के सफल प्रयोग देश भर में किये है। इन प्रयोगों की सच्ची कथाओं को समाज के सामने लाने के लिये सेवागाथा www.sewagatha.org वेबसाईट का निर्माण किया गया है।

देश में सेवा द्वारा परिवर्तन के उत्तम सेवा कार्यों को जनसामान्य के सामने प्रस्तुत करने के लिये 26 एपिसोड का निर्माण किया गया। ‘समर्पण’ नामक इस धारावाहिक का दूरदर्षन (DD1) पर प्रति-रविवार प्रातः 10 बजे प्रसारण किया जाता है।